आचार्य राममूर्ति समिति
विश्वनाथ प्रताप सिंह के प्रधानमंत्रित्व वाली भारत सरकार ने ७ मई १९९० के प्रस्ताव द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति, १९८६ का परिवर्तित परिस्थितियों के विषय में पुनर्निरीक्षण करने के लिए इस समिति का गठन किया। इसके अध्यक्ष प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक एवं समाजशास्त्री आचार्य राममूर्ति थे। यह पहला कमीशन था जिसने लंबा समय नहीं लिया और डेढ़ साल के भीतर अपनी रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को सौंप दी।
- प्लिनी
- प्लिनी एक प्रमुख रोमन भूगोलवेत्ता था
- मोतीलाल बनारसीदास
- मोतीलाल बनारसीदास (MLBD) भारत का प्रसिद्ध प्रकाशन समूह है। यह संस्कृत तथा भारतविद्या से सम्बन्धित स्तरीय
- प्रावदा
- प्राव्द रूस का प्रसिद्ध दैनिक समाचार पत्र है। पहले यह सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी का
- केंद्रीय विद्यालय संगठन
- भारत सरकार ने दूसरे वेतन आयोग की सिफारिश पर १९६२ में केंद्रीय विद्यालय संगठन की योजना को मंजूरी दी
- रॉटर्डम
- रॉटर्डम, नीदरलैण्ड का एक नगर, व्यापारिक केन्द्र तथा बन्दरगाह है। यह नगर दक्षिणी हालैण्ड में राइन
- यंग बंगाल आंदोलन
- यंग बंगाल, बंगाल के क्रांतिकारी बंगाली स्वतंत्र चिन्तकों का एक समूह था जो कोलकाता के हिन्दू कॉलेज
- गोमल दर्रा
- गोमल दर्रा पाकिस्तान का एक प्रमुख दर्रा है
- राजपाल एण्ड सन्स
- राजपाल एण्ड सन्स हिन्दी पुस्तकों के एक प्रमुख प्रकाशक हैं। इसकी स्थापना १९१२ में लाहौर में की गयी
- गान्धर्व महाविद्यालय
- गान्धर्व महाविद्यालय भारत का एक प्रमुख संगीत शिक्षण संस्थान है। यह दिल्ली में स्थित है
- बामा (लेखिका)
- बामा एक तमिल दलित नारीवादी, शिक्षिका और उपन्यासकार हैं। उनका आत्मकथात्मक उपन्यास कारुक्कु (1992) तमिलनाडु