देवरानी जेठानी की कहानी
देवरानी जेठानी की कहानी हिन्दी का उपन्यास है। इसके रचयिता हिन्दी व देवनागरी के महान सेवक पंडित गौरीदत्त हैं। न केवल अपने प्रकाशन वर्ष (1870), बल्कि अपनी निर्मिति के लिहाज से भी पं॰ गौरीदत्त की कृति 'देवरानी-जेठानी की कहानी' को हिन्दी का पहला उपन्यास (डॉ. गोपाल राय के अनुसार) होने का श्रेय जाता है। किंचित लड़खड़ाहट के बावजूद हिन्दी उपन्यास-यात्रा का यह पहला कदम ही आश्वस्ति पैदा करता है।
- चंदायन
- चंदायन, मुल्ला दाऊदकृत हिंदी का ज्ञात प्रथम सूफी प्रेमकाव्य। इसमें नायक लोर, लारा, लोरक, लोरिक
- चन्द्रगुप्त (नाटक)
- चन्द्रगुप्त हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार जयशंकर प्रसाद का प्रमुख नाटक है। इसमें विदेशियों से भारत
- देव (कवि)
- Hindi के ब्रजभाषा काव्य के अंतर्गत देव को महाकवि का गौरव प्राप्त है। उनका पूरा नाम देवदत्त था। उनका आविर्भाव
- आलम (कवि)
- आलम रीतिकाल के एक हिन्दी कवि थे जिन्होने रीतिमुक्त काव्य रचा। आचार्य शुक्ल के अनुसार इनका कविता
- बंगदूत
- बंगदूत 1829 में प्रकाशित साप्ताहिक (रविवारीय) पत्रिका थी जो कलकत्ता से प्रकाशित होती थी। यह एकसाथ
- विद्यानिवास मिश्र
- विद्यानिवास मिश्र संस्कृत के विद्वान, जाने-माने भाषाविद्, हिन्दी साहित्यकार और सफल सम्पादक थे
- पउमचरिउ
- पउमचरिउ रामकथा पर आधारित अपभ्रंश का एक महाकाव्य है। इसके रचयिता जैन कवि स्वयंभू हैं। इसमें बारह
- नरेन्द्र शर्मा
- पण्डित नरेन्द्र शर्मा हिन्दी के लेखक, कवि तथा गीतकार थे। उन्होने हिन्दी फिल्मों के लिये गीत भी लिखे
- हिन्दी का प्रथम राष्ट्रगीत
- पं. गिरिधर शर्मा ’नवरत्न‘ हिन्दी साहित्य में द्विवेदी युग के ऐसे स्वनामधन्य व्यक्तित्व थे जो न केवल
- बामा (लेखिका)
- बामा एक तमिल दलित नारीवादी, शिक्षिका और उपन्यासकार हैं। उनका आत्मकथात्मक उपन्यास कारुक्कु (1992) तमिलनाडु