धर्मशास्त्र का इतिहास (पुस्तक)
धर्मशास्त्र का इतिहास भारतरत्न पांडुरंग वामन काणे द्वारा रचित हिन्दू धर्मशास्त्र से सम्बद्ध एक इतिहास ग्रन्थ है, जिसके लिये उन्हें सन् 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पाँच खण्डों में विभाजित एक बृहत् ग्रन्थ है।
- वैदिक-पदानुक्रम-कोष
- वैदिक-पदानुक्रम-कोष वैदिक संस्कृत ग्रन्थों का पदानुक्रम कोश है। इसका निर्माण १९३० में आरम्भ हुआ
- मार्क्सवादी इतिहास-लेखन
- मार्क्सवादी इतिहास-लेखन का तात्पर्य मार्क्सवादी विचारधारा से प्रभावित इतिहास-लेखन से है
- विश्वेश्वरानन्द वैदिक शोध संस्थान
- विश्वेश्वरानन्द वैदिक शोध संस्थान वैदिक साहित्य से सम्बद्ध शोध-संस्थान है, जिसका कार्य मुख्य रूप
- चिन्तामण विनायक वैद्य
- चिन्तामण विनायक वैद्य (1861–1938) संस्कृत के विद्वान तथा मराठी लेखक एवं इतिहसकार थे। कुछ समय तक वे ग्वालियर
- हिन्दी साहित्य कोश
- हिन्दी साहित्य कोश हिन्दी साहित्य एवं उससे सम्बन्धित विषयों का विश्वकोश (encyclopedia) है। दो भागों में प्रकाशित
- महापुराण
- महापुराण, जैन धर्म से संबंधित दो भिन्न प्रकार के काव्य ग्रंथों का नाम है, जिनमें से एक की रचना संस्कृत
- रघुवंश (साहित्यकार)
- डॉ॰ रघुवंश सहाय वर्मा हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं आलोचक थे। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में
- पैराडाइज लॉस्ट
- पैराडाइज लॉस्ट, जॉन मिल्टन नामक आंग्ल कवि का लिखा हुआ एक महाकाव्य है। इस महाकाव्य को लिखने की
- नंददुलारे वाजपेयी
- नन्ददुलारे वाजपेयी हिन्दी के साहित्यकार, पत्रकार, सम्पादक, आलोचक और अंत में प्रशासक भी रहे। इनको
- बामा (लेखिका)
- बामा एक तमिल दलित नारीवादी, शिक्षिका और उपन्यासकार हैं। उनका आत्मकथात्मक उपन्यास कारुक्कु (1992) तमिलनाडु