रबीन्द्रनाथ ठाकुर

अमृतलाल नागर
अमृतलाल नागर हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। उन्हें भारत सरकार द्वारा १९८१ में साहित्य एवं
जगन्नाथदास रत्नाकर
जगन्नाथदास रत्नाकर आधुनिक युग के श्रेष्ठ ब्रजभाषा कवि थे
सुमित्रानन्दन पन्त
सुमित्रानंदन पंत हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। इस युग को जयशंकर
साहित्य अकादमी पुरस्कार
साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की
तमिल साहित्य
तमिल भाषा का साहित्य अत्यन्त पुराना है। भारत में संस्कृत के अलावा तमिल का साहित्य ही सबसे प्राचीन
चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी'
चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' हिन्दी के कथाकार, व्यंगकार तथा निबन्धकार थे
गुजराती साहित्य
गुजराती भाषा आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में से एक है और इसका विकास शौरसेनी प्राकृत के परवर्ती रूप
आनन्‍द केंटिश कुमारस्‍वामी
आनन्‍द कुमारस्‍वामी श्री लंका के सुविख्यात कलामर्मज्ञ एवं भारत-चिन्तक तमिल थे
पुरुषोत्तम दास टंडन
भारतरत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन भारत के स्वतन्त्रता सेनानी एवं राजनेता थे। वे भारतीय राष्ट्रीय
बामा (लेखिका)
बामा एक तमिल दलित नारीवादी, शिक्षिका और उपन्यासकार हैं। उनका आत्मकथात्मक उपन्यास कारुक्कु (1992) तमिलनाडु