राणा रायमल
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राणा रायमल मेवाड के राजपूत राजा थे। वे राणा कुम्भा के पुत्र थे।
उनके शासन के आरम्भिक दिनों में ही मालवा के शासक घियास शाह ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया किन्तु उसे सफलता नहीं मिली। इसके शीघ्र बाद घियास शाह के सेनापति जफर खान ने मेवाड़ पर आक्रमण किया किन्तु वह भी मण्डलगढ़ और खैराबाद में पराजित हुआ। रायमल ने राव जोधा की बेटी शृंगारदेवी से विवाह करके राठौरों से शत्रुता समाप्त कर दी। रायमल ने [रायसिंह टोडा]और [अजमेर] पर पुनः अधिकार कर लिया। उन्होने मेवाड़ को भी शक्तिशाली बनाया तथा [चित्तौड़गढ़|चित्तौड़] के एकनाथ जी मंदिर का पुनर्निर्माण कराया।रायमल के अंतिम वर्षों के शासनकाल में राजकुमार संग के साथ उनके बेटों के बीच झगड़े के कारण संघर्ष हुआ। पृथ्वीराज और जयमल दोनों पुत्र मारे गए। इस कठिन मोड़ पर, राणा को सूचित किया गया था कि सांगा अभी भी जीवित था और छिपने में था। रायमल ने सांगा को चित्तौड़ वापस बुलाया और उसके तुरंत बाद उसकी मृत्यु हो गई।
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