2006 Top Ten of Conflict for Mathematics

गणित
गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई
कलन
कलन गणित का प्रमुख क्षेत्र है जिसमें राशियों के परिवर्तन का गणितीय अध्ययन किया जाता है। इसकी दो मुख्य शाखाएँ हैं- अवकल गणित तथा समाकलन गणित । कैलकुलस के ये दोनों शाखाएँ कलन के मूलभूत प्रमेय द्वारा
संख्या
संख्याएँ वे गणितीय वस्तुएँ हैं जिनका उपयोग मापने, गिनने और नामकरण करने के लिए किया जाता है। १, २, ३, ४ आदि प्राकृतिक संख्याएँ इसकी सबसे मूलभूत उदाहरण हैं। इसके अलावा वास्तविक संख्याएँ और अन्य प्रकार
अंक
अंक ऐसे चिह्न हैं जो संख्याओं के लिखने के काम आते हैं। दासमिक पद्धति में शून्य से लेकर नौ तक कुल दस अंक प्रयोग किये जाते हैं। इसी प्रकार षोडश आधारी में शून्य से लेकर ९ तक एवं A से लेकर F कुल १६ अंक
सहस्रमान
सहस्रमान (किलोमीटर) दूरी की एक इकाई है। १ सहस्रमान = १००० मान पुराने समय में कोस का प्रयोग किया जाता था।१० सहस्रिमान = १ शतिमान १०० शतिमान = १ मान १००० मान = १ सहस्रमान
ब्रह्मगुप्त
ब्रह्मगुप्त (५९८-६६८) प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। वे तत्कालीन गुर्जर प्रदेश (भीनमाल) के अन्तर्गत आने वाले प्रख्यात शहर उज्जैन की अन्तरिक्ष प्रयोगशाला के प्रमुख थे और इस दौरान उन्होने दो विशेष
अरब
सौ करोड़ के मान वाली प्राकृतिक संख्या को अरब कहते हैं। इसे अंग्रेजी में बिलियन (billion) कहते हैं। बिलियन को b या bn के रूप में भी लिखा जा सकता है।वैज्ञानिक संकेतन में, इसे 1 × 109 के रूप में लिखा जाता है
अंकगणित
अंकगणित (Arithmetics) गणित की तीन बड़ी शाखाओं में से एक है। अंकों तथा संख्याओं की गणनाओं से सम्बंधित गणित की शाखा को अंकगणित कहा जाता हैं। यह गणित की मौलिक शाखा है तथा इसी से गणित की प्रारम्भिक शिक्षा का
बीजगणित
यह लेख गणित के आधुनिक उपविषय बीजगणित (algebra) के बारे में है। भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट द्वारा रचित संस्कृत ग्रन्थ के लिए बीजगणित देखें
ज्यामिति
क्रिस्टल