2010 Top Ten of Conflict for Philosophy

नास्तिकता
नास्तिकता अथवा नास्तिकवाद या अनीश्वरवाद, वह सिद्धांत है जो जगत् की सृष्टि करने वाले, इसका संचालन और नियंत्रण करनेवाले किसी भी ईश्वर के अस्तित्व को सर्वमान्य प्रमाण के न होने के आधार पर स्वीकार नहीं
लियोन त्रोत्स्की
लेव त्रोत्सकी रूस के मार्क्सवादी क्रांतिकारी तथा सिद्धान्तकार, सोवियत राजनेता तथा लाल सेना के संस्थापक व प्रथम नेता थे
एकेश्वरवाद
एकेश्वरवाद या एकास्तिक्य वह सिद्धान्त है जहाँ 'ईश्वर के एकल स्वरूप की मान्यता प्राप्त है' अथवा एक ईश्वर है विचार को सर्वप्रमुख रूप में मान्यता देता है। एकेश्वरवादी एक ही ईश्वर में विश्वास रखता है
बुराई की समस्या
(अंग्रेजीः Problem of evil) यह दर्शन की एक प्रसिद्ध समस्या है
कर्म योग
कर्मयोग अर्थात कर्म में लीन होना। योगा कर्मो किशलयाम, योग: कर्मसु कौशलम्। धर्माचरण करके पापों का क्षय करना और अपने विकास की ओर बढ़ना; परन्तु "फल की आकांक्षा न रखते हुए कर्म करना" ही कर्मयोग है
महावीर
भगवान महावीर (Mahāvīra) जैन धर्म के चौंबीसवें (24वें) तीर्थंकर थे। भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार वर्ष पहले, वैशाली गणराज्य के कुण्डग्राम में अयोध्या इक्ष्वाकुवंशी क्षत्रिय परिवार हुआ था। तीस वर्ष
बुद्धिवाद
बुद्धिवाद या 'प्रज्ञावाद' (Intellectualism) बुद्धि के उपयोग एवं विकास को इंगित करता है। बुद्धिजीवी होने तथा बुद्धि से सम्बंधित कार्यों को विशेष महत्व देने की क्रिया बुद्धिवाद कहलाती है। इसके अलावा, दर्शन के
तत्त्वमीमांसा
तत्त्व मीमांसा या पराभौतिकी(अंग्रेज़ी-metaphysics) दर्शनशास्त्र की वह शाखा है,जो वास्तविकता के सिद्धांत एवं यथार्थ व स्वत्व/सत्ता की मूलभुत-मौलिक प्रकृति, अस्तित्व, अस्मिता, परिवर्तन, दिक् और समय
अतियथार्थवाद
अतियथार्थवाद, कला और साहित्य के क्षेत्र में प्रथम महायुद्ध के लगभग प्रचलित होने वाली शैली और आंदोलन था। चित्रण और मूर्तिकला में तो यह आधुनिकतम शैली और तकनीक हैं। इसके प्रचारकों और कलाकारों में
वेदान्त दर्शन
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