2012 Top Ten of Polemic for Mathematics
- वर्ग माध्य मूल
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गणित में वर्ग माध्य मूल, किसी चर राशि के परिमाण (magnitude) को व्यक्त करने का एक प्रकार का सांख्यिकीय तरीका है। इसे द्विघाती माध्य भी कहते हैं। यह उस स्थिति में विशेष रूप से उपयोगी है जब चर राशि धनात्मक एवं
- मिलीमीटर
- मिलीमीटर लम्बाई या दूरी के मापन की ईकाई है। यह एक मीटर के एक हजारवें भाग के बराबर होता है। १ सेन्टीमीटर में १० मिलीमीटर होते हैं
- भारतीय गणित
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गणितीय गवेषणा का महत्वपूर्ण भाग भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुआ है। संख्या, शून्य, स्थानीय मान, अंकगणित, ज्यामिति, बीजगणित, कैलकुलस आदि का प्रारम्भिक कार्य भारत में सम्पन्न हुआ। गणित-विज्ञान
- लल्ल
- लल्लाचार्य भारत के ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे। वे शाम्ब के पौत्र तथा भट्टत्रिविक्रम के पुत्र थे। उन्होने 'शिष्यधीवृद्धिदतन्त्रम्' नामक एक ग्रन्थ की रचना की। इस ग्रन्थ की रचना का कारण बताते हुए लल्ल
- सेकेंड
- सेकेंड समय की अंतर्राष्ट्रीय मानक इकाई है। अंतर्राष्ट्रीय मानक में समय की अन्य इकाइयाँ सेकेंड की ही व्युत्पन्न हैं। ये इकाइयाँ दस के गुणकों में होती हैं। एक मिलिसेकेंड सेकेंड का एक हज़ारवाँ भाग
- आव्यूह
- गणित में आव्यूह एक अदिश राशियों से निर्मित आयताकार रचना है। यह आयताकार रचना लघु कोष्ठक " ", दोहरे दण्ड "|| ||" अथवा दीर्घ कोष्ठक "[3 3
3 3 ]" के अन्दर बंद होती है। इसमें संख्याओं का एक विशेष प्रकार का विन्यास किया
- फ़्रॉड संख्या
- तरल गतिकी तथा ताप विचरण में प्रयुक्त होने वाली एक विमाहीन संख्या
- दीर्घवृत्त
- गणित में दीर्घवृत्त एक ऐसा शांकव होता है जिसकी उत्केन्द्रता इकाई से कम होती है। एक अन्य परिभाषा के अनुसार, दीर्घवृत्त ऐसे बिन्दुओं का बिन्दुपथ है जिनकी दो निश्चित बिन्दुओं से दूरी का योग सदैव अचर
- कलन का मूलभूत प्रमेय
- कलन का मौलिक प्रमेय एक प्रमेय है जो एक फलन के अवकलन की अवधारणा को उसके समाकलन की अवधारणा के साथ जोड़ता है। दो प्रक्रियाएँ एक स्थिर मान के अतिरिक्त एक दूसरे के व्युत्क्रम हैं जो इस बात पर निर्भर करता
- द्वयाधारी संख्या पद्धति
- द्व्याधारित या द्व्यंकीय संख्या पद्धति गणितीय अभिव्यक्ति की एक विधि है जो केवल दो अंकों का प्रयोग करती है: 0 (शून्य) और 1 (एक