2017 Top Ten of Conflict for Philosophy
- भारत में भ्रष्टाचार
- भारत में भ्रष्टाचार एक ऐसा मुद्दा है जो केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय सरकारी संस्थानों की अर्थव्यवस्था को कई तरह से प्रभावित करता है। भारत की अर्थव्यवस्था को ठप करने के लिए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार
- आधार कार्ड
- आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र है। इसमें 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या छपी होती है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (भा.वि.प.प्रा.) जारी करता है। यह
- भगवान बुद्ध और उनका धम्म
- भगवान बुद्ध और उनका धम्म यह डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा रचित प्रसिद्ध ग्रन्थ है।इस ग्रन्थ में डॉ॰ अम्बेडकर ने भगवान बुद्ध, महात्मा बुद्ध के विचारों की व्याख्या की है। यह तथागत बुद्ध के जीवन और
- राजनीतिक दर्शन
- राजनीतिक दर्शनशास्त्र या राजनीतिक सिद्धांत ,सरकार का दार्शनिक अध्ययन है ,जो सार्वजनिक(सरकारी) कर्तुओं और संस्थानों की प्रकृति, दायरे और वैधता तथा उनके बीच संबंधों के बारे में प्रश्नों को संबोधित
- मातृभूमि
- जन्म स्थान या अपने देश को मातृभूमि बोला जाता है। भारत और नेपाल में भूमि को माता के रूप में माना जाता है, जिस जमीन अथवा भूमि का अन्नादि खाते है उसे भी मातृभूमि कहते हैं। जन्म भूमि को भी मातृ भूमि कहते
- गणराज्य
- एक गणराज्य या गणतंत्र (गणतन्त्र) सरकार का एक रूप है जिसमें देश को एक "सार्वजनिक मामला" माना जाता है, न कि शासकों की निजी संस्था या सम्पत्ति। एक गणराज्य के भीतर सत्ता के प्राथमिक पद विरासत में नहीं मिलते
- चारा घोटाला
- चारा घोटाला स्वतन्त्र भारत के बिहार राज्य का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला था जिसमें पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके निकाल लिये गये। सरकारी
- नीतिशास्त्र
- नीतिशास्त्र जिसे व्यवहारदर्शन, नीतिदर्शन, नीतिविज्ञान या आचारशास्त्र भी कहते हैं, दर्शनशास्त्र एवं की वह शाखा है जो नैतिक मूल्यों के सिध्दान्त एवं सही और गलत व्यवहार के अवधारणाओं के
- चार्वाक दर्शन
- चार्वाक दर्शन एक प्राचीन भारतीय भौतिकवादी नास्तिक दर्शन है। यह मात्र प्रत्यक्ष प्रमाण को मानता है तथा पारलौकिक सत्ताओं को यह सिद्धांत स्वीकार नहीं करता है। यह दर्शन वेदबाह्य भी कहा जाता है
- तत्त्वमीमांसा
- तत्त्व मीमांसा या पराभौतिकी(अंग्रेज़ी-metaphysics) दर्शनशास्त्र की वह शाखा है,जो वास्तविकता के सिद्धांत एवं यथार्थ व स्वत्व/सत्ता की मूलभुत-मौलिक प्रकृति, अस्तित्व, अस्मिता, परिवर्तन, दिक् और समय