2018 Top Ten of Conflict for Health

आयुर्वेद
आयुर्वेद ( = आयुः + वेद ; शाब्दिक अर्थ : 'आयु का वेद' या 'दीर्घायु का विज्ञान'एक मुख्य और सबसे श्रेष्ठ चिकित्सा प्रणाली है जिसकी जड़ें भारतीय उपमहाद्वीप में हैं। भारत, नेपाल और श्रीलंका में आयुर्वेद का
हल्दी
हल्दी (टर्मरिक) भारतीय वनस्पति है। यह अदरक की प्रजाति का ५-६ फुट तक बढ़ने वाला पौधा है जिसमें जड़ की गाठों में हल्दी मिलती है। हल्दी को आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही एक चमत्कारिक द्रव्य के रूप में
चिकनगुनिया
चिकनगुनिया CHIKV विषाणु द्वारा होने वाला संक्रमण है जिसमे रोगी को तीव्र ज्वर एवं जोडों में भारी दर्द होता है। इस रोग का उग्र चरण तो मात्र २ से ५ दिन के लिये चलता है किंतु जोडों का दर्द कभी कभी महीनों
ध्यान
ध्यान या अवधान (attention) चेतन मन की एक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपनी चेतना बाह्य जगत् के किसी चुने हुए दायरे अथवा स्थलविशेष पर केंद्रित करता है। यह अंग्रेजी "अटेंशन" के पर्याय रूप में प्रचलित है
प्राकृतिक चिकित्सा
प्राकृतिक चिकित्सा एक वैकल्पिक चिकित्सा-पद्धति एवं दर्शन है जिसमें 'प्राकृतिक', 'स्व-चिकित्सा' (self-healing), 'अनाक्रामक' (non-invasive) आदि कहे जाने वाले तरीकों का उपयोग होता है जिन्हें छद्मवैज्ञानिक तरीके कहा
रोगों की सूची
रोगों की इस सूची में रोगों के मुख्य वर्ग शामिल हैं।त्वचा रोगों की सूची कैंसर रोगों की सूची नेत्र रोगों की सूची आनुवांशिक रोगों की सूची संक्रामक रोगों की सूची भग रोग एवं योनि रोग मानसिक रोगमूड
मानव शरीर
मानव शरीर एक मानव जीव की संपूर्ण संरचना है, जिसमें एक सिर, गर्दन, धड़, दो हाथ और दो पैर होते हैं। किसी मानव के वयस्क होने तक उसका शरीर लगभग 50 ट्रिलियन कोशिकाओं, जो कि जीवन की आधारभूत इकाई हैं, से मिल कर
स्वास्थ्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) ने सन् 1948 में स्वास्थ्य या आरोग्य की निम्नलिखित परिभाषा दी गई है।1) दैहिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ होना ही स्वास्थ्य है
होम्योपैथी
अनेक विसंगतियों और वैज्ञानिक प्रमाणिक्ता के बावजूद भारत सहित अनेक विकासशील देशों मे होमियोपैथी सस्ते और सुलभ चिकित्सा का महत्वपूर्ण अंग बना हुआ है, विभिन्न बीमारियों में होमियोपैथी से छोटे बच्चों
भाव प्रकाश
भावप्रकाश आयुर्वेद का एक मूल ग्रन्थ है। इसके रचयिता आचार्य भाव मिश्र थे। भावप्रकाश, माधवनिदान तथा शार्ङ्गधरसंहिता को संयुक्त रूप से 'लघुत्रयी' कहा जाता है । भावप्रकाश की रचना भावमिश्र द्वारा सन्