2018 Top Ten of Conflict for Philosophy
- आधार कार्ड
- आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र है। इसमें 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या छपी होती है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (भा.वि.प.प्रा.) जारी करता है। यह
- योग दर्शन
- योगदर्शन छः आस्तिक दर्शनों (षड्दर्शन) में से एक है। इसके प्रणेता पतञ्जलि मुनि हैं। यह दर्शन सांख्य दर्शन के 'पूरक दर्शन' के नाम से प्रसिद्ध है। इस दर्शन का प्रमुख लक्ष्य मनुष्य को वह मार्ग दिखाना है
- पासवर्ड (पारण शब्द)
- पासवर्ड एक गुप्त शब्द है या संकेताक्षरों की लड़ी है जिसका प्रयोग किसी संसाधन तक पहुंच के लिए या पहचान साबित करने के लिए बतौर प्रमाणीकरण किया जाता है । पासवर्ड को उनसे गुप्त रखा जाना चाहिए जिन्हें
- दर्शनशास्त्र
- दर्शनशास्त्र (Darśanaśāstra) वह ज्ञान है जो परम् सत्य और सिद्धान्तों, और उनके कारणों की विवेचना करता है। दर्शन यथार्थ की परख के लिये एक दृष्टिकोण है। दार्शनिक चिन्तन मूलतः जीवन की अर्थवत्ता की खोज का पर्याय
- चार्वाक दर्शन
- चार्वाक दर्शन एक प्राचीन भारतीय भौतिकवादी नास्तिक दर्शन है। यह मात्र प्रत्यक्ष प्रमाण को मानता है तथा पारलौकिक सत्ताओं को यह सिद्धांत स्वीकार नहीं करता है। यह दर्शन वेदबाह्य भी कहा जाता है
- भारतीय दर्शन
- भारत में 'दर्शन' उस विद्या को कहा जाता है जिसके द्वारा तत्व का ज्ञान हो सके। 'तत्व दर्शन' या 'दर्शन' का अर्थ है तत्व का ज्ञान। मानव के दुखों की निवृति के लिए और/या तत्व ज्ञान कराने के लिए ही भारत में दर्शन
- पाइथागोरस
- सामोस के पाईथोगोरस , या फ़ीसाग़ोरस, एक अयोनिओयन ग्रीक गणितज्ञ और दार्शनिक थे और पाईथोगोरियनवाद नामक धार्मिक आन्दोलन के संस्थापक थे। उन्हें अक्सर एक महान गणितज्ञ, रहस्यवादी और वैज्ञानिक के रूप में
- सुकरात
- सुकरात को मौलिक शिक्षा और आचार द्वारा उदाहरण देना ही पसंद था। साधारण शिक्षा तथा मानव सदाचार पर वह जोर देता था और उन्हीं की तरह पुरानी रूढ़ियों पर प्रहार करता था। वह कहता था, सच्चा ज्ञान संभव है बशर्ते
- नीतिशास्त्र
- नीतिशास्त्र (Nītiśastra) जिसे व्यवहारदर्शन, नीतिदर्शन, नीतिविज्ञान और आचारशास्त्र भी कहते हैं, दर्शन की एक शाखा हैं। यद्यपि आचारशास्त्र की परिभाषा तथा क्षेत्र प्रत्येक युग में मतभेद के विषय रहे हैं, फिर
- कुमारिल भट्ट
- कुमारिल भट्ट भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक थे। वे मीमांसा दर्शन के दो प्रधान सम्प्रदायों में से एक भट्टसम्प्रदाय के संस्थापक थे। उन्होने मीमांसा पर अनेक ग्रन्थों की रचना की जिसमें मीमांसाश्लोकवार्त्तिक