2021 Top Ten of Polemic for Culture
- विधान वाचक वाक्य
- जिन वाक्यों में किसी क्रिया के करने या होने का सामान्य रूप बोध हो, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं
- वाच्य
- वाच्य का शाब्दिक अर्थ है :- " बोलने का विषय " अतः क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि क्रिया का मुख्य विषय 'कर्ता' है 'कर्म' है अथवा 'भाव' है उसे वाच्य कहते हैं
- अव्यय
- किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय या अविकारी कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते हैं। अव्यय का
- नरसिंह पुराण
- श्री नरसिंह पुराण महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित यह एक उपपुराण है। आर० सी० हाज़रा के शोध के अनुसार यह 5वीं शताब्दी के उत्तरार्धमें लिखा गया था। इसका तेलुगु संस्करण 1300 ई० के बाद का है
- नमस्ते सदा वत्सले
- नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रार्थना है। सम्पूर्ण प्रार्थना संस्कृत में है केवल इसकी अन्तिम पंक्ति हिन्दी में है।
इसे सर्वप्रथम २३ अप्रैल १९४० को पुणे के संघ शिक्षा
- रंगों के नाम
- रंगों के नाम कोई भी संज्ञा हो सकते हैं, किसी विशेषण के साथ या बिना। यह नाम उस रंग के प्रति मानवीय प्रत्यक्ष ज्ञान के या किसी सम्बंधित भौतिक गुणधर्म पर आधारित हो सकते हैं । रंग विनिर्देश हेतु संख्यात्मक
- हर्माइनी ग्रेंजर
- हर्माइनी ग्रेंजर जे. के. रोलिंग द्वारा रचित हैरी पॉटर (उपन्यास) शृंखला में एक जादूगरनी है। वो इसके प्रमुख किरदार हैरी पॉटर की ख़ास दोस्त है। वो भी तन्त्र-मन्त्र और जादू-टोने के विद्यालय हॉगवर्ट्स
- आल्ह-खण्ड
- आल्ह-खण्ड लोक कवि जगनिक द्वारा लिखित एक वीर रस प्रधान काव्य हैं जिसमें आल्हा और ऊदल की ५२ लड़ाइयों का रोमांचकारी वर्णन हैं। ये दोनों के बनाफर वंश से संबंधित हैं। 12 वीं शताब्दी के दो बनफर नायकों, आल्हा
- रस (काव्य शास्त्र)
- श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलौकिक आनन्द प्राप्त होता है, वही काव्य में रस कहलाता है। रस के जिस भाव से यह अनुभूति होती है कि वह रस है, स्थायी भाव होता है
- प्रश्नवाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य, वाक्य का एक प्रकार है। जिस वाक्य में प्रश्न पूछ ने का भाव हो उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं