All Time Top Ten of Polemic for Philosophy
- व्यक्तिगत सत्याग्रह
- व्यक्तिगत सत्याग्रह- ०३ सितम्बर सन् १९३९ को भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड लिनलिथगो ने यह घोषणा की कि भारत भी द्वतीय विश्व युद्ध में सम्मिलित है। इस घोषणा से पूर्व उसने किसी भी राजनैतिक दल से परामर्श
- आत्मज्ञान
- आत्मज्ञान मन के भीतर की जागरूपता है। भारतीय दर्शन में इसका प्रतीक शिव, विष्णु अथवा शक्ति हैं। इसका वर्णन बहुत वेद और उपनिषद में मिलता है
- भारतीय राष्ट्रवाद
- राष्ट्र की परिभाषा एक ऐसे जन समूह के रूप में की जा सकती है जो कि एक भौगोलिक सीमाओं में एक निश्चित देश में रहता हो, समान परम्परा, समान हितों तथा समान भावनाओं से बँधा हो और जिसमें एकता के सूत्र में
- मातृभूमि
- जन्म स्थान या अपने देश को मातृभूमि बोला जाता है। भारत और नेपाल में भूमि को माता के रूप में माना जाता है, जिस जमीन अथवा भूमि का अन्नादि खाते है उसे भी मातृभूमि कहते हैं। जन्म भूमि को भी मातृ भूमि कहते
- भारत में भ्रष्टाचार
- भारत में भ्रष्टाचार एक ऐसा मुद्दा है जो केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय सरकारी संस्थानों की अर्थव्यवस्था को कई तरह से प्रभावित करता है। भारत की अर्थव्यवस्था को ठप करने के लिए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार
- समानता
- सामाजिक सन्दर्भों में समानता का अर्थ किसी समाज की उस स्थिति से है जिसमें उस समाज के सभी लोग समान अधिकार या प्रतिष्ठा (status) रखते हैं। सामाजिक समानता के लिए 'कानून के सामने समान अधिकार' एक न्यूनतम
- रूढ़िवाद
- रूढ़िवाद सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत व्यवहृत एक ऐसी विचारधारा है जो पारंपरिक मान्यताओं का अनुकरण तार्किकता या वैज्ञानिकता के स्थान पर केवल आस्था तथा प्रागनुभवों के आधार पर करती है। यह सामाजिक
- भारतीय दर्शन
- भारत में 'दर्शन' उस विद्या को कहा जाता है जिसके द्वारा तत्व का ज्ञान हो सके। 'तत्व दर्शन' या 'दर्शन' का अर्थ है तत्व का ज्ञान। मानव के दुखों की निवृति के लिए और/या तत्व ज्ञान कराने के लिए ही भारत में दर्शन
- द्विदलीय प्रणाली
- साँचा:Politics sidebar
द्विदलीय प्रणाली एक दल प्रणाली हैं, जहाँ दो प्रमुख राजनीतिक दल सरकार के भीतर, राजनीति को प्रभावित करते हैं। दो दलों में से आम तौर पर एक के पास विधायिका में बहुमत होता हैं और प्रायः
- बुराई की समस्या
- (अंग्रेजीः Problem of evil) यह दर्शन की एक प्रसिद्ध समस्या है